रघुपति कीन्ही बहुत बड़ाई। तुम मम प्रिय भरतहि सम भाई॥ "किसने लिखी थी हनुमान चालीसा, जिसके बारे में कही जाती हैं कई बातें". तीनों लोक हा
रघुपति कीन्ही बहुत बड़ाई। तुम मम प्रिय भरतहि सम भाई॥ "किसने लिखी थी हनुमान चालीसा, जिसके बारे में कही जाती हैं कई बातें". तीनों लोक हा